top of page
Legal Yojana

AFFIDAVIT

शपत पात्र

उच्च न्यायालय में............

सेमी। सं.......................का 19.................................

एस.ए.ओ.सं.......................का 19.................................

ई.पू....................................................... .............. अपीलकर्ता

बनाम

सीएफ़...................................................... ............ प्रतिवादी

शपत पात्र

श्री...................... पुत्र............ आयु के बारे में हलफनामा.. …………… वर्ष, आर/ओ………………

मैं................. एतद्द्वारा सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं और निम्नानुसार घोषित करता हूं:-

1. कि मैं अपीलकर्ताओं में से एक हूं और मामले के तथ्यों से पूरी तरह परिचित हूं।

2. आदेश 41 नियम 5 और आदेश 42 नियम 1 के तहत संलग्न आवेदन की सामग्री धारा 151ग के साथ पठित है। पी.सी. मेरी जानकारी में सत्य हैं।

साक्षी

सत्यापन

मैं, उपरोक्त नामित अभिसाक्षी, इसके द्वारा सत्यापित करता हूँ कि उपरोक्त शपथ पत्र मेरी जानकारी में सत्य है और इसका कोई भी भाग असत्य नहीं है।

इस पर सत्यापित.......................दिन ......................... 19....... ............. पर....................

साक्षी

निर्णय विधि

किराए और बेदखली के बकाये के लिए वाद

आदेश 9 नियम 13

'आवेदक' शब्द में याचिकाकर्ता के अलावा कोई और शामिल नहीं है। अतः प्रांतीय लघु वाद न्यायालय अधिनियम की धारा 17 द्वारा सृजित बार के प्रश्न पर निम्न न्यायालयों का निष्कर्ष भी कानून के अनुसार है।

आदेश 9 नियम 13 का अवलोकन स्पष्ट रूप से बताता है कि याचिकाकर्ता डिक्री को रद्द करने की राहत के हकदार नहीं हैं। नीचे की अदालतों ने अपनी संतुष्टि दर्ज की है कि याचिकाकर्ता को समन की तामील में अनियमितताओं, यदि कोई हो, के बावजूद मामले की जानकारी थी, मैं भी संतुष्ट हूं कि यह ऐसा मामला है जहां

याचिकाकर्ता का आचरण ऐसा है जो विश्वास को प्रेरित नहीं करता है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि उसे पर्याप्त समय में सुनवाई की तारीख के बारे में पता नहीं होता और वह उपस्थित नहीं हो सकती थी और वादी के दावे का जवाब नहीं दे सकती थी।1

कब्जे के लिए डिक्री

जहां सूट की दुकान में किरायेदारी के अधिकार का दावा करने वाले किसी व्यक्ति के मुकदमे को खारिज कर दिया गया था, तो आदेश 21 नियम 97 सी.पी.सी.

कब्जे की वसूली के लिए वाद

आदेश 20 नियम 12

रिकॉर्ड पर ऐसे सबूत थे जो निर्णायक रूप से स्थापित करते थे कि प्रतिवादी एक अतिचारी थे और कानूनी रूप से शामिल किरायेदार नहीं थे। वह इस प्रकार बेदखल होने के लिए उत्तरदायी है।3

1. सबीरा बीबी बनाम अल्लाह ताला, 1996 (2) सी.सी. सी. 20 (सभी।)

2. काजी अकील अहमद बनाम इब्राहिम, 1996 (2) सी.सी.सी. 163 (एस.सी.)।

3. मोहिंदर कौर बनाम कुसम आनंद, एआईआर 2000 एससी 1745..


Download PDF Document In Hindi. (Rs.10/-)



0 views0 comments

Recent Posts

See All

SUIT FOR SPECIAL DAMAGE BY TENANT AGAINST LANDLORD

मकान मालिक के खिलाफ किरायेदार द्वारा विशेष क्षति के लिए मुकदमा कोर्ट में............ 19 का सूट नं................................

SUIT FOR RECOVERY OF ARREARS OF RENT AGAINST A SURETY OF THE TENANT

किरायेदार के एक जमानतदार के खिलाफ किराए के बकाया की वसूली के लिए वाद कोर्ट में............ 19 का सूट नं................................

SUIT FOR EVICTION ON THE GROUND OF DENIAL OF TITLE

शीर्षक से इनकार के आधार पर बेदखली के लिए मुकदमा कोर्ट में............ 19 का सूट नं................................

Comments


bottom of page