निवेदन
उच्च न्यायालय में............
सिविल अपीलीय क्षेत्राधिकार
सी. विविध ......................... 19 का .........................
में
आरएसए नं....................................... ...... 19 का......
……………………………………… .................... अपीलकर्ता।
बनाम
……………………………………… ............... उत्तरदाताओं।
प्रति
माननीय मुख्य न्यायाधीश और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उनके साथी न्यायाधीश:
प्रतिवादी/प्रतिवादी अत्यंत सम्मानपूर्वक निम्नानुसार प्रस्तुत करते हैं:
1. उस पर ................... और अन्य, जिन्होंने भूमि में गिरवीदार अधिकार खरीदे थे, विवाद में .............. .... प्रतिवादी ने, बिक्री विलेख दिनांक............ के माध्यम से वाद भूमि की माप............ कनाल के मोचन के लिए एक आवेदन किया। गिरवी (पंजाब) अधिनियम, 1913 के मोचन के तहत कलेक्टर के समक्ष ........ मारियास, ...............।
2. यह कि उक्त आवेदन का वादी-अपीलार्थी की ओर से प्रतिवाद किया गया था, परन्तु अन्त में कलेक्टर ने आदेश दिनांक.................. द्वारा इसकी प्रमाणित प्रति जो इस विविध के साथ दायर किया गया है। अनुलग्नक ए-एल के रूप में आवेदन, उक्त आवेदन की अनुमति देता है और बंधक को भुनाने और याचिकाकर्ता-बंधक को कब्जे में रखने का आदेश देता है।
3. कि गिरवी की राशि रु............ पाई गई और कलेक्टर के उक्त आदेश को चुनौती देने वाला कोई वाद दायर नहीं किया गया और इस प्रकार उक्त आदेश बन गया उसमें प्रदान किए गए अनुसार निर्णायक।
4. कि कलेक्टर के उक्त आदेश के अनुसरण में, आवेदकों को वादी-अपीलकर्ताओं से वाद भूमि का अधिकार भी प्राप्त हो गया है और अब उनके कब्जे में है।
5. कि उपरोक्त परिस्थितियों में वादी की अपील निष्फल हो गई है और ऊपर बताई गई बाद की घटनाओं को देखते हुए खारिज किए जाने योग्य है।
प्रार्थना
इसलिए, सबसे सम्मानपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि इस आवेदन में वर्णित बाद की घटनाओं के कारण अपील को निष्फल होने के कारण अपील को खारिज करने की कृपा हो सकती है।
दिनांक:............प्रतिवादियों के लिए अधिवक्ता।
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