आदेश 38 के तहत आवेदन, नियम 5, सी.पी.सी.
कोर्ट में............
19 का सूट नं............................................. ...............
सीडी ......................................... ............ वादी
बनाम
सीएफ़...................................................... ............ प्रतिवादी
आवेदक सबसे सम्मानपूर्वक निम्नानुसार प्रस्तुत करता है: -
1. यह कि प्रतिवादी ने यह वाद प्रतिवादी के विरुद्ध रू............. के बकाया किराए की वसूली के लिए स्थापित किया है।
2 कि आवेदक ने रुपये की सीमा तक पेंडेंट लाइट किराए का भी दावा किया है। ............ जब तक वाद का निर्णय नहीं हो जाता। सूट की लागत सहित कुल डिक्रीटल राशि रु................. (लगभग) होगी।
3. यह कि प्रतिवादी के पास इस माननीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में स्वयं की कोई अचल संपत्ति नहीं है।
4. यह कि वादी ने विश्वसनीय रूप से सीखा है कि प्रतिवादी द्वारा अपनी अचल संपत्ति के एक हिस्से का निपटान करने की संभावना है और वह निष्पादन में देरी करने के इरादे से इस माननीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमाओं से शेष को हटाने वाला है। डिक्री जो उसके खिलाफ पारित की जा सकती है।
5. यदि प्रतिवादी अपनी चल संपत्ति के एक हिस्से का निपटान करता है और शेष को इस माननीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमा से हटा देता है, तो आवेदक / वादी प्रतिवादी से डिक्रीटल राशि की वसूली नहीं कर पाएगा।
6. कि इस आवेदन के साथ उपरोक्त तथ्यों के समर्थन में एक शपथ पत्र दाखिल किया जा रहा है।
7. न्याय की दृष्टि से यह समीचीन है कि इस आवेदन के साथ संलग्न अनुबंध में निर्दिष्ट प्रतिवादी की चल संपत्ति संलग्न की जाए और उसे वर्तमान वाद का निर्णय होने तक संलग्न रखा जाए।
प्रार्थना
इसलिए अत्यंत सम्मानपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि प्रतिवादी को ............ की सीमा तक जमानत देने और न्यायालय के निपटान में स्थान देने का निर्देश दिया जाए, जब आवश्यक हो, आवेदन के साथ संलग्न अनुलग्नक में निर्दिष्ट संपत्ति।
उसी के अनुसार प्रार्थना की जाती है।
आवेदक
अधिवक्ता के माध्यम से
जगह:....................
दिनांक:....................
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