सी.पी.सी. के आदेश 43 के तहत अपील में सिविल ड्राफ्टिंग स्टे आवेदन।
कोर्ट में ………………..
सिविल विविध। स्टे एप्लीकेशन नंबर……….20 का…….
(सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत)
श्री…………………………………………………अपीलार्थी/आवेदक
………………… प्रतिवादी/अपीलार्थी।
बनाम
…………………वादी/प्रतिवादी।
प्रति
उपरोक्त माननीय न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश और उनके सहयोगी न्यायाधीश।
उपरोक्त नामित आवेदक की ओर से विनम्र आवेदन सबसे सम्मानपूर्वक निम्नानुसार दर्शाता है:
1. कि विरोधी पक्षकार क्रमांक 1 ………………. ने सिविल जज के न्यायालय में स्थायी निषेधाज्ञा के लिए एक वाद दायर किया, …………… मूल वाद संख्या ………, ………। v. ……….. प्रार्थना के साथ कि प्रतिवादी को एक क्षेत्र के विवाद में टैंक पर शांतिपूर्ण कब्जे में हस्तक्षेप न करने के लिए रोका जाए ……….. भूखंड संख्या ……….. में स्थित एकड़ जमीन की सही प्रति है इसके साथ दायर किया जा रहा है और हलफनामे के अनुलग्नक संख्या 1 के रूप में चिह्नित किया गया है।
2. कि वाद के विचारण के दौरान विरोधी पक्षकार संख्या 1 ने अस्थायी निषेधाज्ञा के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया। पूर्वोक्त आवेदन की सही प्रति इसके साथ दायर की जा रही है और साथ में शपथ पत्र के अनुलग्नक संख्या 2 के रूप में चिह्नित किया गया है।
3. कि निचली अदालत ने वादी विरोधी पक्ष संख्या 1 के आवेदन पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक अमीन आयुक्त की नियुक्ति की। अमीन आयुक्त ने निम्न न्यायालय के समक्ष ………….. को रिपोर्ट दी।
4. कि अपीलार्थी-आवेदक ने अस्थायी व्यादेश के लिए वादी-विपक्षी पक्ष के आवेदन के विरूद्ध आपत्ति दर्ज की थी। आवेदक की पूर्वोक्त आपत्ति की सत्य प्रति इसके साथ दाखिल की जा रही है और साथ में शपथ पत्र के अनुलग्नक संख्या 3 के रूप में अंकित की जा रही है।
5. कि अपीलार्थी-आवेदक का मामला यह है कि उसे प्लॉट क्रमांक …….. के उत्तर पश्चिम भाग के ……….. क्षेत्र के ……….. क्षेत्र के ……………… को पट्टा दिया गया है।
6. यह बताया गया है कि अमीन आयुक्त ने ……….20…… को निम्न न्यायालय के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। अपीलार्थी-आवेदक के अधिवक्ता ने अमीन आयुक्त द्वारा ………… लेकिन निचली अदालत ने समय देने से इनकार कर दिया और दोनों पक्षों को उक्त रिपोर्ट पर बहस करने का निर्देश दिया और योग्यता के आधार पर तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और अगले दिन यानी …………… को फैसला सुनाया। यहां यह भी उल्लेख करना प्रासंगिक है कि आवेदक ने वादी-विपक्षी पक्ष संख्या 1 के आवेदन के खिलाफ अपना जवाब दायर किया था।
7. यह कहा जाता है कि निचली अदालत ने आवेदक को आपत्ति दर्ज करने का कोई मौका दिए बिना अमीन आयुक्त की रिपोर्ट पर भरोसा किया।
8. कि अपीलकर्ता के वकील ने ………20…… को निम्न न्यायालय के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया। इस प्रार्थना के साथ कि आवेदक आदेश दिनांक ............ के विरुद्ध अपील दायर करना चाहता है और प्रार्थना करता है कि आदेश के संचालन को 15 दिनों के लिए रोक दिया जाए, लेकिन निचली अदालत ने आवेदक के आवेदन को खारिज कर दिया।
9. यह कहा जाता है कि निचली अदालत के आदेश को अब तक प्रभावित नहीं किया गया है, इसलिए न्याय के हित में यह समीचीन है कि माननीय न्यायालय, इस तरह के निर्णय और आदेश दिनांकित के संचालन पर रोक लगाने की कृपा करें ... ……. इस माननीय न्यायालय के समक्ष इस अपील के लम्बित रहने के दौरान विज्ञापन अंतरिम निषेधाज्ञा देते हुए मूल वाद क्रमांक ............ में पारित किया गया अन्यथा आवेदक को अपूरणीय क्षति और कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
प्रार्थना
इसलिए, सबसे सम्मानपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि इस माननीय न्यायालय को इस आवेदन को अनुमति देने और मूल वाद संख्या …………… में पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश के संचालन पर रोक लगाने के लिए कृपापूर्वक मंजूरी दी जाए। …………………. 20 का………. श्री…………………………. वी …………………………। और अन्य जो इस माननीय न्यायालय के समक्ष इस अपील के लम्बित रहने के दौरान सिविल जज के न्यायालय में लम्बित हैं, या इस तरह के अन्य और आगे के आदेश पारित करते हैं जैसा कि यह माननीय न्यायालय मामले की परिस्थितियों में उचित और उचित समझे। .
आवेदक के लिए अधिवक्ता
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