न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 की धारा 20(2) के तहत एक कर्मचारी द्वारा आवेदन पत्र
न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के तहत नियुक्त प्राधिकरण की अदालत में, के लिए..................
19 का आवेदन क्रमांक..................................
सीएफ़...................................................... ................ आवेदक
बनाम
जीएफ...................................................... ................ प्रतिद्वंद्वी
उपरोक्त नामित आवेदक (आवेदकों) को सबसे सम्मानपूर्वक निम्नानुसार प्रस्तुत करें:
वह....................
वह....................
आवेदक(ओं) को मजदूरी की न्यूनतम दर से कम पर मजदूरी का भुगतान किया गया है।
आवेदक (ओं) रुपये की राशि पर उसके (उनके) द्वारा मांगी गई राहत के मूल्य का अनुमान (अनुमान) लगाता है।
आवेदक प्रार्थना करता है (प्रार्थना करता है) कि धारा 20 की उप-धारा (3) के तहत एक निर्देश जारी किया जा सकता है -
(ए) सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी की न्यूनतम दर और वास्तव में भुगतान की गई मजदूरी के अनुसार देय मजदूरी के बीच अंतर का भुगतान, और
(बी) रुपये की मुआवजा राशि …………………
स्थान............ वादी
दिनांक............ अधिवक्ता के माध्यम से
आवेदक को सत्यनिष्ठा से इस बात की पुष्टि और घोषणा करनी चाहिए कि जो ऊपर कहा गया है वह उसके (उनके) ज्ञान, विश्वास और जानकारी के अनुसार सही है।
पर हस्ताक्षर किए गए ....................... को ......... का दिन ...............19
आवेदक
निर्णय विधि
किसी शैक्षणिक संस्थान के शिक्षकों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के दायरे में नहीं लाया जा सकता है और राज्य सरकार अधिनियम के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए ऐसे शिक्षकों का न्यूनतम वेतन तय करने का हकदार नहीं है।1
1. हरियाणा गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल संघ बनाम हरियाणा राज्य, 1996 (2) सी.सी. सी. 158 (एस.सी.)।
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